थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने बुधवार को प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को पद से हटाने का आदेश दे दिए। श्रेथा ने एक साल पहले ही कार्यभार संभाला था। श्रेथा पर एक मंत्री की नियुक्ति के मामले में संविधान का उल्लंघन करने का आरोप है जिसके कारण अदालत ने उन्हें पद से हटा दिया।
श्रेथा पर गलत तरीके से एक ऐसे वकील को अपनी कैबिनेट में शामिल करने का आरोप है, जो पहले जेल की सजा काट चुका था। अदालत ने कहा कि श्रेथा ने नैतिकता के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है। वकील पर अदालत के कर्मचारियों को रिश्वत देने के प्रयास के चलते कोर्ट की अवमानना का आरोप था।
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श्रेथा थाविसिन अदालत द्वारा हटाए जाने वाले चौथे प्रधानमंत्री
रियल एस्टेट टाइकून श्रेथा पिछले 16 सालों में चौथे थाई प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्हें इसी अदालत द्वारा हटाया गया है। अदालत के जजों ने 5-4 के फैसले में उन्हें ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन न करने के लिए पद से हटा दिया। अदालत के इस फैसले के बाद राजनीतिक उथल-पुथल और सत्तारूढ़ गठबंधन में उथल-पुथल की आशंका बढ़ गई है।
समाचार एजेंसी रॉयटर ने कहा कि श्रेथा को एक साल से भी कम समय में पद से हटाए जाने का मतलब है कि संसद को एक नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए फिर से बैठक करनी होगी, जिससे देश में और अनिश्चितता पैदा हो सकती है। पिछले दो दशकों से थाईलैंड में तख्तापलट और अदालत के फैसले कई सरकारों और राजनीतिक दलों को गिरा चुके हैं।
न्यायाधीशों ने कहा, अदालत ने 5-4 के फैसले में पाया कि प्रधानमंत्री के रूप में श्रेथा की बर्खास्तगी उनके ईमानदार न होने के कारण हुई है। अदालत ने यह भी कहा कि उनका व्यवहार नैतिक मानकों का गंभीर उल्लंघन था।
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पिछले हफ्ते, इसी अदालत ने एंटी-एस्टैब्लिशमेंट मूव फॉरवर्ड पार्टी को भंग कर दिया था क्योंकि अदालत ने पाया कि उस पार्टी का अभियान, जिसमें शाही परिवार के अपमान से जुड़े कानून में सुधार की बात थी, संवैधानिक राजतंत्र को कमजोर करने का जोखिम पैदा कर सकता था। मूव फॉरवर्ड पार्टी के बचे हुए सांसदों ने शुक्रवार को एक नए दल के तहत फिर से समूह बनाया।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब श्रेथा एक कठिन अर्थव्यवस्था से जूझ रहे थे, जिसमें कमजोर निर्यात और उपभोक्ता खर्च, आसमान छूता घरेलू कर्ज और एक मिलियन से अधिक छोटे व्यवसायों के लिए ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो रहा था।
अदालत के फैसले पर बर्खास्त पीएम श्रेथा ने क्या कहा?
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, बर्खास्त प्रधानमंत्री श्रेथा ने गवर्नमेंट हाउस में कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, हालांकि उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी। मीडिया को संबोधित करते हुए श्रेथा ने कहा, “मैं एक ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ने से दुखी हूँ, जो अनैतिक पाया गया। मैंने अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और निष्ठा के साथ पालन किया।” खबरों की मानें तो उप प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने की उम्मीद है।