गाजाः आधिकारिक फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी ने शनिवार बताया कि इजराइल ने गाजा के एक स्कूल पर हमला किया, जिसमें 100 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और कई घायल हो गए। यह स्कूल विस्थापित लोगों के लिए शरणस्थली बना हुआ था। जबकि इजराइली सेना का कहना है कि उन्होंने हमास के एक कमांड सेंटर को निशाना बनाया था।
यह हमला दारज तुफाह इलाके में स्थित अल-तबाअ’ईन स्कूल पर हुआ है। हमास की ओर से कहा गया कि इजराइली हमले के दौरान लोग सुबह की नमाज (फज्र) अदा कर रहे थे, जिससे मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ गई।
वहीं, इजराइली वायु सेना (आईएएफ) ने बयान में कहा कि उन्होंने हमास के आतंकवादियों और कमांडरों को निशाना बनाया, जो उस स्कूल में छिपे हुए थे। इस स्कूल के पास एक मस्जिद भी थी और यह गाजा शहर के निवासियों के लिए एक शरणस्थली का काम कर रहा था।
इजराइली सेना ने यह भी कहा कि हमले से पहले नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए कई सावधानियाँ बरती गई थीं, जिनमें सटीक हथियारों का इस्तेमाल, हवाई निगरानी और खुफिया जानकारी शामिल थी।
यह हमला उस समय हुआ जब दो दिन पहले गाजा सिटी में अन्य दो स्कूलों पर इजराइली हमलों में 18 से अधिक लोग मारे गए थे। उस समय भी सेना ने कहा था कि उन्होंने हमास के कमांड सेंटरों को निशाना बनाया था।
इजराइल ने 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले के जवाब में उसे पूरी तरह नष्ट करने की कसम खाई है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के अनुरोध पर बातचीत अगले सप्ताह फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। इस बातचीत का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में संघर्ष को रोकना है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस बीच ईरान का दावा है कि इजराइल मध्य पूर्व में युद्ध फैलाना चाहता है। जबकि कुछ हमास अधिकारी, विश्लेषक और इजराइल में आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राजनीतिक लाभ के लिए इस संघर्ष को लंबा खींचा है।
गाजा पट्टी में 10 महीने के युद्ध के दौरान, इजराइली सेना को कुछ इलाकों में बार-बार लौटकर फिर से युद्ध करनी पड़ी है। इजराइली सेना ने शुक्रवार को कहा कि सेना खान यूनिस के आसपास अभियान चला रही है जो दक्षिणी गाजा का शहर है। अप्रैल में यहां भीषण युद्ध हुआ था जिसके बाद इजराइली सैनिक वापस आ गए थे। लेकिन खान यूनिस में फिर से सैनिक अभियान चला रहे हैं।