वॉशिंगटन: अमेरिका की एक अदालत ने चीनी-अमेरिकी विद्वान को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में उसे दोषी ठहराया है। खुद को लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता बताने वाले शुजुन वांग पर चीनी सरकार के खिलाफ मदभेद रखने वालों के बारे में जानकारी हासिल करने और उसे चीन के साथ साझा करने के लिए दोषी पाया गया है।
75 साल के वांग पर पिछले एक दशक से दोहरी जिंदगी जीने, चीन की मुख्य खुफिया एजेंसी और राज्य सुरक्षा मंत्रालय के लिए काम करने के आरोप लगे हैं।
वांग के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील ने कहा है कि चीन के खिलाफ मदभेद रखने वालों का विश्वास जीतने के लिए वांग ने चीनी सरकार के विरोध करने का नाटक किया था ताकि वह उन लोगों से जानकारी हासिल कर सके जिसे वह टारगेट करता था।
एक हफ्ते तक चली सुनवाई के बाद न्यूयॉर्क के एक संघीय जूरी ने वांग को चार मामलों में दोषी पाया है। वांग को मार्च 2022 में गिरफ्तार किया गया था। उसे 25 साल की सजा सुनाई गई है जो अगले साल नौ जनवरी से शुरू होगी।
जासूसी उपन्यास की तरह वांग की कहानी
संघीय जूरी ने वांग को चीन से मतभेद रखने वालों की जानकारी चीनी खुफिया विभाग से साझा करने और अपनी गतिविधियों के बारे में अमेरिकी संघीय एजेंटों से झूठ बोलने का दोषी पाया है। अमेरिकी वकील ब्रियोन पीस ने वांग की कहानी को एक जासूसी उपन्यास की तरह बताया है जिसकी घटनाएं बहुत हद तक सच निकली है।
किसी को शक नहीं होने के लिए वांग ने उठाया यह कदम
वांन ने अमेरिका में पूर्वी एशियाई अध्ययन के विजिटिंग यूनिवर्सिटी स्कॉलर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। बाद में 1990 के दशक के बाद वह अमेरिका का नागरिक बन गया था। उसने 1989 के चीन के तियानमेन स्क्वायर विद्रोह से जुड़े लोगों की याद में न्यूयॉर्क में लोकतंत्र समर्थक समूह की स्थापना में मदद की थी।
वकीलों का कहना है कि उसने ऐसा इसलिए किया था ताकि कोई उसके इरादे पर शक न कर सके और उसने इस पद को चीन के लिए खुफिया तरीके से काम करने के लिए इस्तेमाल किया है।
जानकारियों को चीन ऐसे भेजता था वांग
वांग को साल 2006 से उन लोगों और विषयों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने का आदेश दिया गया था जिसे चीन पंसद नहीं करता है। वह इन जाकारियों को अन्य लोगों या फिर डाइरियों के माध्यम से दूसरों को पास करता था। यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका में इस तरह के चीनी जासूसों को सजा हुई है। इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।