वाशिंगटनः अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक, अमेरिका ने 9/11 के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद समेत अन्य आरोपियों के साथ हुए समझौते रद्द कर दिए हैं, जिसके तहत उन्हें मौत की सजा से बचाया जाना था। दो दिन पहले ही रक्षा विभाग ने बताया था कि खालिद शेख मोहम्मद और उसके दो साथी कोर्ट के समक्ष अपना गुनाह कबूल करने को तैयार हो गए हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पेंटागन के गुआंतानामो युद्ध अदालत की प्रभारी सुसान एस्केलियर को इस मामले में पूर्व-मुकदमे समझौते तक पहुंचने के अधिकार से हटा दिया और खुद यह जिम्मेदारी संभाल ली। ऑस्टिन ने एक मेमो में लिखा, “मेरे अधिकार का प्रयोग करते हुए, मैं तुरंत प्रभाव से तीनों पूर्व-मुकदमे समझौतों को वापस लेता हूं।”
समझौते की रिपब्लिकन सांसदों ने की थी आलोचना
इन समझौतों की कई रिपब्लिकन सांसदों ने कड़ी आलोचना की थी।। जिनमें हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर माइक जॉनसन और सीनेट के अल्पसंख्यक नेता मिच मैककोनेल शामिल हैं।
अमेरिका ने यह कदम उससे महज दो दिन पहले उठाया है जब खालिद शेख मोहम्मद और उसके दो साथी क्यूबा के गुआंतानामो बे जेल में रहते हुए गुनाह कबूल करने के लिए राजी थे। यह लगभग तय था कि इन समझौतों में मौत की सजा से बचने के बदले दोषी मान लेना शामिल था।
शेख मोहम्मद गुआंतानामो बे जेल का सबसे कुख्यात कैदी है
तीनों अपराधी क्यूबा में ग्वांतानामो बे जेल में बंद हैं। शेख मोहम्मद गुआंतानामो बे जेल का सबसे कुख्यात कैदी है। इस जेल को 2002 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद आतंकी संदिग्धों को रखने के लिए स्थापित किया था। 9/11 हमले में लगभग 3,000 लोग मारे गए थे।
गुनाह कबूल करने के लिए राजी थे आरोपी
पेंटागन के बयान के अनुसार, दो अन्य बंदियों- वालिद मुहम्मद सलीह मुबारक बिन अत्ताश और मुस्तफा अहमद आदम अल हौसावी ने भी याचिका समझौते पर सहमति जताई थी।
पेंटागन के बयान में कहा गया है कि 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए हमलों को लेकर अली अब्दुल अजीज अली और रामजी बिन अल शिभ के साथ तीनों आरोपियों पर 5 जून, 2008 को संयुक्त रूप से आरोप तय किया गया था। कथित भूमिका के संबंध में उन्हें 5 मई 2012 को दूसरी बार अभियुक्त बनाया गया।
अमेरिकी सीनेट रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल ने इस मामले पर राष्ट्रपति जो बाइडेन के ढुलमुल रवैए पर जोरदार हमला बोला। अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, “आतंकवाद के सामने बाइडेन-हैरिस प्रशासन की कायरता एक राष्ट्रीय अपमान है। 9/11 के हमलों के पीछे के लोगों सहित आतंकवादियों के खिलाफ याचिका समझौता, सरकार की अपनी जिम्मेदारी से घिनौना विमुखता को दर्शाता है।”