रामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। डूंगरपुर प्रकरण में अदालत ने आजम खान और अन्य को बरी कर दिया है।
डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है, जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने डूंगरपुर में पुलिस लाइन के पास गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाया था। उन पर आरोप लगा कि इस दौरान कुछ लोगों के पहले से बने मकानों को सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया गया था।
आजम खान और अन्य पर लगे थे ये आरोप
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि समाजवादी पार्टी की सरकार में आजम खान के इशारे पर पुलिस और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए घरों को जबरन खाली कराया।
उनका सामान लूट लिया गया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया।
सबूतों की कमी के कारण बरी हुआ है आजम खान
बता दें कि अभियोजन आरोप को साबित नहीं कर सका और सुबूतों के अभाव में स्पेशल एमपी/एमएलएल कोर्ट ने आजम खान और अन्य को बरी कर दिया। अदालत में सुनवाई के दौरान सपा नेता आजम खान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
अभियोजन पक्ष की वकील सीमा राणा ने बताया कि डूंगरपुर प्रकरण में अदालत का फैसला आया। इसमें सभी आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है। फैसले की कॉपी अभी हमें नहीं मिली है, जैसे ही हमें फैसले की कॉपी मिलेगी, इसका अध्ययन किया जाएगा और अपील फाइल की जाएगी।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)