कौन हैं यूपीएससी की नई अध्यक्ष प्रीति सूदन
प्रीति सूदन आंध्र प्रदेश कैडर, 1983 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति सूदन के पास सरकारी प्रशासन के लगभग सभी क्षेत्रों में 37 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से इकोनॉमिक्स और सोशल पॉलिसी और प्लानिंग में डिग्री ली है और वाशिंगटन में सार्वजनिक वित्त प्रबंधन का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
सूदन ने जुलाई 2020 तक तीन साल तक केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की सचिव, महिला और बाल विकास मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, वित्त और योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और कृषि में भी कार्य किया है।
वह विश्व बैंक के साथ एक सलाहकार भी रह चुकी हैं। प्रीति सूदन ने तम्बाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन की COP-8 की अध्यक्षता, मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य के लिए साझेदारी की उपाध्यक्षता, वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य साझेदारी की अध्यक्षता और महामारी तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए WHO के स्वतंत्र पैनल के सदस्य के रूप में भी सेवा की है।
उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों जैसे कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, आयुष्मान भारत की शुरुआत, ई-सिगरेट पर प्रतिबंध और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग पर विधेयक में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
2029 में समाप्त होने वाला था मनोज सोनी का कार्यकाल
मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 में समाप्त होने वाला था। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। मनोज सोनी 2017 में आयोग के सदस्य बने थे और 16 मई 2023 को अध्यक्ष के रूप में पद की शपथ ली। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मनोज सोनी गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की एक शाखा, अनुपम मिशन को अधिक समय देना चाहते हैं जिन्होंने 2020 में दीक्षा लेने के बाद मिशन में एक निष्काम कर्मयोगी (निःस्वार्थ कार्यकर्ता) बन गए थे।
सोनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबियों मे से एक रहे हैं। पीएम ने उन्हें 2005 में 40 साल की उम्र में वडोदरा के प्रसिद्ध एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था, जिससे वे देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने। जून 2017 में यूपीएससी में नियुक्त होने से पहले, उन्होंने अपने गृह राज्य गुजरात में दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में तीन कार्यकाल पूरे किए थे।