वायनाडः केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास हुए भूस्खलन हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा अपडेट के मुताबिक अब तक 143 लोगों की मौत हो गई है जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं सैकड़ों अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका है। चार घंटे के भीतर वायनाड में एक के बाद एक तीन भूस्खलन से भारती तबाही मची है। एनडीआरएफ और सेना सहित कई एजेंसियों को बचाव कार्यों में लगाया गया है।
मुंडक्काई, चूरालमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं। कई लोगों के चालियार नदी में बह जाने की आशंका है।
#WATCH केरल: वायनाड के WIMS अस्पताल में भूस्खलन में घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है।
वायनाड भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 143 हो गई है। pic.twitter.com/uoDR8H9fF4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 31, 2024
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इसे एक दिल दहला देने वाली आपदा बताया और कहा कि एक पूरी बस्ती मिटा दी गई। सरकार ने दो दिनों के लिए राज्य शोक भी घोषित किया है। बुधवार को केरल सरकार सचिवालय में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया।
#WATCH केरल: भारतीय वायु सेना ने वायनाड में आपदा राहत दल तैनात किया है, जहां आज भूस्खलन हुआ।
भूस्खलन में 93 लोगों की जान चली गई।
(सोर्स: PRO डिफेंस त्रिवेंद्रम) pic.twitter.com/dKCzEJhpCg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 30, 2024
केरल में भूस्खलन: राहत और बचाव कार्य जारी
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, “वायनाड में भूस्खलन एक दिल दहला देने वाली आपदा है। बहुत भारी बारिश हुई थी। पूरा इलाका तबाह हो गया है। कल रात सोने गए कई लोग बह गए हैं।”
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि उन्होंने मेडिकल टीमों सहित 225 कर्मियों को तैनात किया है। दो वायु सेना के हेलीकॉप्टर, एक Mi-17 और एक ALH (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) को भी सेवा में लगाया गया है।
सभी राहत कार्यों की निगरानी के लिए कालीकट में पैरा रेजिमेंट के तहत एक नियंत्रण केंद्र भी स्थापित किया गया है।
केरल सरकार ने बताया कि भारतीय नौसेना की एक टीम भी बचाव कार्यों में सहायता करेगी। जिला के प्रभावित क्षेत्रों को नजदीकी शहर चूरालमाला से जोड़ने वाला एक पुल भी बह गया है। जॉर्ज ने कहा, “लगभग 70 लोग घायल भी हुए हैं। हमने घायलों का उचित इलाज सुनिश्चित किया है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और संकट से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। वहीं, केरल बैंक ने भी CMDRF में 50 लाख रुपये का योगदान दिया है। इसके अलावा सिक्किम के मुख्यमंत्री ने 2 करोड़ रुपये और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने 5 करोड़ रुपये की सहायता देने का वादा किया है।
भूस्खलन से भारी तबाही
वायनाड में हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। बताया जा रहा है कि तीन गांव बह गए। पेड़ उखड़ गए और कई घर तबाह हो गए। बाढ़ के पानी में बह गए वाहन पेड़ों के तनों में फंसे हुए देखे जा सकते हैं। लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य बाधित हुआ और कुछ क्षेत्रों में बड़े-बड़े पत्थरों के कारण बचाव दल नहीं पहुंच पाए।
बचाव कार्यों के लिए समिति गठित
केरल सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए एक समिति गठित की है। इसमें पांच मंत्री शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “सभी सरकारी सिस्टम बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।” भूस्खलन के बाद एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए गए हैं। जिला अधिकारियों के अनुसार, कई परिवारों को विभिन्न कैंपों या रिश्तेदारों के घरों में स्थानांतरित किया गया है।
केरल भूस्खलन: मुख्य बिंदु
राज्य शोक: केरल सरकार ने वायनाड में हुए भूस्खलन के मद्देनजर 2 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
प्रभावित क्षेत्र: चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडकाईल और पोथुकालू सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
लोगों का दुख: स्थानीय लोग इस त्रासदी से बेहद सदमे में हैं।
छात्रों की चिंता: वेल्लारीमाला के एक स्कूल की प्रिंसिपल 22 छात्रों से संपर्क नहीं कर पाई हैं।
एनडीआरएफ की कार्रवाई: एनडीआरएफ की टीम प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गई है और तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
खराब मौसम: खराब मौसम बचाव कार्यों में बाधा डाल रहा है।
स्थानीय लोगों की स्थिति: मुंडाकायम के एक निवासी सफ्फाद ने बताया कि उनके माता-पिता को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है, लेकिन कई लोगों का अभी तक कोई पता नहीं है।
बचाव कार्य: सेना, एनडीआरएफ, अग्निशमन बल और पुलिस बचाव अभियान में लगी हुई हैं।
बाहरी सहायता: एमईजी बेंगलुरु से टीमों और राज्य की राजधानी से सेना की एक टीम को हवाई मार्ग से वायनाड पहुंचाया जा रहा है। कोच्चि से 50 सदस्यीय नौसेना दल भी वायनाड पहुंच रहा है।