नई दिल्ली: अपने छह दिवसीय यात्रा पर मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल आज भारत आने वाले हैं। उनकी यात्रा का मकसद “वेलकम इंडिया” पहल को बढ़ावा देना है। यह अभियान 30 जुलाई से तीन अगस्त तक भारत के कुछ खास शहर जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें जिसमें टूरिज्म रोड शो भी शामिल है।
काफी सालों से भारी तादात में भारतीय पर्यटक मालदीव जाते थे। इस कारण मालदीव जाने वाले पर्यटकों की लिस्ट में भारतीय सबसे आगे थे। लेकिन पिछले साल से भारत और मालदीव के बीच चल रहे तनाव के कारण दोनों देशों के रिश्ते काफी प्रभावित हुए हैं।
इस कारण मालदीव के टूरिज्म पर भी असर पड़ा है। मालदीव की अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा पर्यटन पर निर्भर है।
प्रभावित टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मालदीव द्वारा पूर्व में कई अहम कदम भी उठाए गए हैं। इसके मद्देनजर इसी साल मई में मालदीव के पर्यटन मंत्री ने भारतीयों को फिर से मालदीव आने और पहले जैसे इसके पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने का आग्रह किया था। इस अपील के बाद पर्यटन मंत्री ने अब भारत का दौरा करने का फैसला लिया है।
तनाव के बाद घटा है मालदीव का टूरिज्म
2023 की इसी अवधि की तुलना में इस साल के पहले चार महीनों में मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 42 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक होने के बावजूद इस साल संख्या में भारी कमी देखी गई है। मालदीव के लिए भारत सबसे बड़ा पर्यटन बाजार है।
चीन ने लिया भारत का स्थान
दोनों देशों के बीच तनाव से पहले मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक थी और भारतीय मालदीव में सबसे अधिक टूरिस्टों की लिस्ट में टॉप पर थे जबकि चीन तीसरे नंबर पर था।
लेकिन तनाव के बाद मालदीव का टूरिज्म प्रभावित हुआ था और चीन ने बाजी मारते हुए पहला स्थान प्राप्त कर लिया है। आंकड़ों की अगर बात करें तो जनवरी और अप्रैल 2023 के बीच 73,785 भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का दौरा किया था जबकि इस साल इसी अवधि के दौरान केवल 42,638 पर्यटक मालदीव आए थे।
क्यों दोनों देशों के रिश्तें हुए थे प्रभावित
दोनों देशों के बीच तनाव तब बढ़ा था जब जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप द्वीप की यात्रा की थी। इस यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव के तीन उपमंत्रियों ने पीएम मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।
इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर विरोध शुरू हो गया था जिसमें मालदीव की जमकर आलोचना भी हुई थी। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि भारतीयों ने मालदीव के बहिष्कार करने का भी ऐलान कर दिया था। कई भारतीयों ने यहां तक कहा कि वे अपने मालदीव के टूर को कैंसिल करने जा रहे हैं।
हालांकि पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले तीन मंत्रियों को बाद में सस्पेंड भी कर दिया गया था लेकिन यह विवाद खत्म नहीं हुआ था। यही नहीं मालदीव ने दिसंबर 2023 में यह भी घोषणा की कि वह भारत के साथ अपने हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते को आगे और जारी नहीं रखेगा।
भारत के खिलाफ मालदीव ने उठाए हैं कई कदम
भारत और मालदीव के बीच हाल में और भी तनाव बढ़ा है। हाल में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के साथ अपने रिश्तों को सीमित किया है और चीन के साथ अपने संबंध को बढ़ाया है। यही नहीं पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ कई कदम भी उठाए हैं जिससे दोनों देशों के रिश्तों पर काफी असर भी पड़ा है।
इसके अलावा राष्ट्रपति ने ‘भारत विरोधी’ बयानबाजी को भी जारी रखा है और अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के लिए भारत के बजाय चीन का दौरा किया है जो दोनों देशों के बीच बरसों से चले आ रहे परंपरा के खिलाफ था।