नई दिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में अब रद्द की गई आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।
सीबीआई द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र के बाद अब अदालत मामले की सुनवाई करेगी। केजरीवाल और अन्य आरोपियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। जांच एजेंसियां भी अदालत में अपने आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करेंगी।
सीबीआई ने केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता बताया
सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में “मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक” बताया है। एजेंसी का कहना है कि आप के पूर्व मीडिया प्रभारी और केजरीवाल के करीबी सहयोगी विजय नायर कई शराब उत्पादकों और व्यापारियों के संपर्क में थे।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया कि पूर्व दिल्ली मंत्री मनीष सिसोदिया के आबकारी नीति पर फैसलों को केजरीवाल की अध्यक्षता वाली कैबिनेट द्वारा बाद में मंजूरी दी गई थी।
सीबीआई के गंभीर आरोप
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब थोक विक्रेताओं का लाभ मार्जिन बिना किसी तर्क के 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी ने कहा, “अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में साजिश का हिस्सा हैं। दिल्ली सरकार के सभी फैसले केवल उनके निर्देशानुसार लिए गए थे।”
ईडी ने भी आरोप पत्र में केजरीवाल को मुख्य आरोपी बनाया है
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में केजरीवाल को शराब घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता में से एक बताया गया है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ की रिश्वत मिली थी।
इससे पहले 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को ईडी मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए। ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था।
मनीष सिसौदिया की याचिका पर 5 अगस्त को सुनवाई
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसौदिया की याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है। याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को गुरुवार, 1 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है। इस बीच, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने जवाब दाखिल कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई का जवाब रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया।