श्रीनगरः उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिश के दौरान आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में एक जवान शहीद हो गया जबकि एक आतंकी को जवानों ने ढेर कर दिया।
खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के फायदा उठाते हुए शनिवार को माछिल सेक्टर के कामकारी में दो से तीन सशस्त्र लोगों के समूह ने नियंत्रण रेखा पार की और भारतीय अग्रिम चौकी पर हमला कर दिया। इस दौरान पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी ) आतंकियों को कवर दे रही थी और भारतीय जवानों पर फायरिंग की।
जुलाई में अबतक 12 जवान शहीद हो चुके हैं
इस हमले में राइफलमैन मोहित राठौर शहीद हो गए और एक मेजर सहित तीन अन्य जवान घायल हो गए। भारतीय पक्ष की जवाबी कार्रवाई में एक पाकिस्तानी घुसपैठिए मारा गया। इस हमले से जम्मू-कश्मीर में इस महीने आतंकी हिंसा में सैन्य क्षति 12 हो गई है।
इससे पहले, 24 जुलाई को कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास नायक (गनर) दिलवार खान और 23 जुलाई को पूंछ जिले में लांस नायक सुभाष चंद्र शहीद हुए थे। 15 जुलाई को डोडा जिले में 10 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन और तीन जवान शहीद हो गए थे, और 8 जुलाई को कठुआ जिले में दो ट्रकों के गश्ती दल पर हमले में 22 गढ़वाल राइफल्स के पांच जवान मारे गए थे।
बीएटी घुसपैठियों को कवर देने का काम करता है
अधिकारी सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों से बनी बीएटी अक्सर घुसपैठियों को कड़ी सुरक्षा वाली नियंत्रण रेखा पार करने में कवर फायर देती है।
ताजा हमले में, दो से तीन पाकिस्तानी कर्मियों ने खराब मौसम और कम दृश्यता का फायदा उठाकर नियंत्रण रेखा पार की और ग्रेनेड और गोलीबारी से सेना की चौकी पर हमला किया।
गोलीबारी घंटों तक चली, जिसमें दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक की बाद में श्रीनगर के एक सैन्य अस्पताल में मौत हो गई। दूसरे घायल जवान की हालत स्थिर बताई जाती है।
एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा, “यह इसी तरह के घुसपैठ के प्रयासों के एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तानी सेना द्वारा सक्रिय रूप से मदद की जाती है और उसे बढ़ावा दिया जाता है, जिसमें घने पत्ते और खराब दृश्यता की स्थिति का फायदा उठाया जाता है। इन प्रयासों को सतर्क भारतीय सैनिकों ने लगातार विफल किया है।”
माओवादी विरोधी अभियानों में लगे बीएसएफ बटालियन की जम्मू-कश्मीर में होगी तैनाती
हाल ही में जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों में हुई वृद्धि के जवाब में, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। घुसपैठ की इन कोशिशों को पिछले दो महीनों में जम्मू डिवीजन के पहाड़ी जिलों में आतंकवादियों द्वारा किए गए गंभीर हमलों की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सरकार केंद्र शासित प्रदेश में दो बीएसएफ बटालियन तैनात कर रही है, जिसमें 2,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं, जो वर्तमान में माओवादी विरोधी अभियानों में लगे हुए हैं।