क्या नेहरू गांधी और बच्चन परिवार का बेपटरी हो चुका रिश्ता फिर से पटरी पर आने लगा है। क्या 3 दशक से संबंधों में घुली कटुता अब खत्म होने लगी है। क्या जिस बच्चन परिवार की राजीव गांधी के ज़माने तक नेहरू गांधी परिवार से खूब छनती थी, फिर से वही रिश्ता दोहराया जाने वाला है। जिस तरह दोनों परिवारों में दूरियां बढ़ी थी, क्या दोनों परिवारों की दो महिलाओं के कारण उस रिश्ते में मिठास घुलने वाली है। क्या दोनों परिवारों की जोड़ी फिर से जमने वाली है और जोड़ी को बनाने के पीछे एम फैक्टर काम कर रहा है।
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संसद में सोनिया गांधी और जया बच्चन जिस तरह से मिलीं और हंसती खिलखिलाती नजर आईं, उससे तो ऐसा ही लगा कि गांधी और बच्चन परिवार के रिश्तों में घुली कड़वाहट मिटने लगी है। कभी एक परिवार की तरह रहने और एक दूसरे के साथ खड़े रहने वाले बच्चन और गांधी परिवार में क्यों और कब आई थी कड़वाहट और कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लामबंदी अब न केवल विपक्ष को बल्कि दो परिवारों को भी एक जुट कर रहा है। बोले भारत में आज हम इसका विश्लेषण कर रहे हैँ।