ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को सर्वसम्मति से अरुणाचल प्रदेश परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) विधेयक को पारित किया गया है।
अरुणाचल सरकार द्वारा यह कदम तब उठाया गया है जब राज्य में दो साल पहले एक बड़े पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री पेमा खांडू के सरकार की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठे थे। यह विधेयक भी पेपर लीक के बढ़ते मामले को रोकने के लिए हाल में केंद्र और कुछ राज्यों द्वारा लागू किए गए कानूनों की तरह ही है।
विधानसभा में विधेयक पारित होते समय सीएम पेमा खांडू ने कहा है कि जब दो साल पहले राज्य में पेपर लीक के मामले सामने आए थे तो मेरे पास इस संबंध में बोलने के लिए एक भी शब्द नहीं थे।
पेमा खांडू ने आगे कहा कि उन्होंने उसी समय यह कहा था कि वे इसे सख्ती से डील करेंगे। ऐसे में राज्य में पेमा खांडू की फिर से सरकार बनने के बाद यह कानून लाया गया है।
बिल में क्या कहा गया है
विधेयक के तहत भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने या फिर गलत साधनों का इस्तेमाल करने वाले अभ्यर्थियों पर पांच साल तक की सजा और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है।
यही नहीं इस तरह की गतिविधियों में शामिल सर्विस प्रोवाइडर या फिर गैंग पर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना और परीक्षा को आयोजित करने में जिनती खर्च लगी है, वह भी उनसे वसूला जाएगा।
संगठित अपराध में शामिल व्यक्तियों को 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माने का भी सामना करना होगा जबकि संगठित अपराध में शामिल संस्थानों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।
2022 पेपर लीक मामले के बाद लाया गया है विधेयक
साल 2022 में अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (APPSC) द्वारा आयोजित सहायक इंजीनियरों की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। केवल यही परीक्षा ही नहीं बल्कि राज्य में उस दौरान कई और परीक्षा के भी पेपर लीक हुए थे जिससे अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग पर सवाल खड़े हुए थे।
मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)और विशेष जांच सेल (एसआईसी) द्वारा पेपर लीक से जुड़े कई अफसर और अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हुई थी।
विधेयक को लेकर सीएम ने क्या कहा
जब साल 2022 में पेपर लीक के मामले सामने आए थे तब अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पेमा खांडू की सरकार थी और राज्य में इस बार फिर से उनकी दोबारा से सरकार बनी है। ऐसे में सत्ता में आने के बाद मौजूदा विधानसभा का सत्र पहला सत्र है जिसमें इस विधेयक को पास किया गया है।
विधानसभा में मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने 2022 के पेपर लीक के मामले को याद किया है और कहा है कि कैसे इन घटनाओं ने उस समय सरकार की विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुंचाया था।
अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सहायक इंजीनियरों की भर्ती परीक्षा पेपर लीक को याद करते हुए सीएम ने कहा है कि “मुझे याद है कि जिस दिन यह खबर मीडिया में आई थी, उस दिन मैं एक टूर प्रोग्राम के लिए जीरो में था। वहां के मीडियाकर्मियों ने मुझसे इटानगर में इन घटनाओं की फैल रही खबरों पर सवाल पूछे थे और मैंने पहले दिन उनसे कहा था कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण खबर है और इसमें शामिल अपराध को परिभाषित करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैंने कहा था कि हम इस मामले से सख्ती से निपटेंगे।”
सीएम पेमा खांडू ने आगे “पिछले कुछ सालों में इसने सरकार के लिए बहुत सी समस्याएं खड़ी की हैं और यह सही भी है, क्योंकि हमारे राज्य और समाज का भविष्य युवा हैं और सरकारी संस्थान में काम करना उनकी आकांक्षा है। यह उनके माता-पिता के लिए भी एक उम्मीद है।”
बिहार में भी एंटी पेपर लीक बिल हुआ पास
बिहार विधानसभा ने बुधवार को ‘बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक-2024’ पास कर दिया। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद विधेयक प्रदेश में लागू हो जाएगा। विधेयक के लागू हो जाने के बाद पेपर लीक मामले बड़े अपराध की श्रेणी में आ जाएंगे जिसमें तीन से 10 साल की सजा और 10 लाख से एक करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
इस कानून के मुताबिक, अगर परीक्षा में शामिल कोई भी कर्मचारी पेपर लीक में दोषी पाया जाता है तो उसके लिए भी एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही परीक्षा में जो भी खर्च आएगा, उसकी वसूली उन्हीं कर्मचारियों से की जाएगी। इसके अलावा जो भी संस्था पेपर लीक में शामिल होगी, उसे 4 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ