नई दिल्ली/पटनाः केंद्र ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया है। संसद के बजट सत्र में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई, जिस पर केंद्र सरकार ने यह जवाब दिया। केंद्र सरकार ने मौजूदा प्रावधानों का हवाला देते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की संभावना से इनकार कर दिया है।
बिहार के झंझारपुर से जदयू सांसद रामप्रित मंडल ने वित्त मंत्रालय से पूछा था कि क्या सरकार के पास बिहार और अन्य सबसे पिछड़े राज्यों को आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए विशेष दर्जा देने की योजना है। इसके जवाब में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में कहा कि “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है।”
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बिहार की सत्तारूढ़ पार्टियों में निराशा देखने को मिल सकती है, जो लगातार बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे। दरअसल, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। स्थानीय नेताओं का तर्क है कि प्रदेश के विकास के लिए यह जरूरी है। हालांकि, केंद्र सरकार के रुख ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने जवाब में क्या कहा?
लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि “बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने का मामला नहीं बनता है”।
जवाब में कहा गया, “राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा पिछले दिनों कुछ राज्यों को योजना सहायता के लिए विशेष दर्जा दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं ऐसी थीं। उनपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी। इन विशेषताओं में शामिल हैं (i) पहाड़ी और कठिन भूभाग, (ii) कम जनसंख्या घनत्व या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, (iii) पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, (iv) आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन और (v) राज्य के वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति।”
2012 के आईएमजी रिपोर्ट की चर्चा की
केंद्र ने अपने जवाब में 12 साल पहले के अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की रिपोर्ट का जिक्र किया। कहा कि “इससे पहले, विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर, बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है।”
बता दें कि विशेष राज्य का दर्जा एक पिछड़े राज्य को तेजी से विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से अधिक मदद देने की व्यवस्था है। हालांकि, संविधान में किसी भी राज्य को विशेष दर्जा देने का प्रावधान नहीं है, लेकिन इसे 1969 में पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों पर शुरू किया गया था। अब तक जम्मू और कश्मीर (अब केंद्र शासित प्रदेश), पूर्वोत्तर राज्य और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य इस दर्जे वाले राज्यों में शामिल हैं।
विशेष राज्य का दर्जा वाले राज्य को केंद्र सरकार की योजनाओं में अधिक धनराशि और करों में कई रियायतें मिलती हैं।
लंबे समय से मांग कर रही है जदयू
बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा जदयू की लंबे समय से मांग रही है। इस चुनाव में बीजेपी के बहुमत से दूर रहने और जेडीयू, टीडीपी और अन्य दलों के साथ गठबंधन कर जादुई आंकड़ा हासिल करने के बाद, नीतीश कुमार की अगुवाई वाली पार्टी से उम्मीद थी कि वह अपनी मुख्य मांग के लिए पुरजोर कोशिश करेगी। जेडीयू ने बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में भी इस मांग को उठाया था।
जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा जेडीयू की प्राथमिकता रही है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, यह हमारी पार्टी की शुरू से मांग रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मांग के लिए बड़ी रैलियां कर चुके हैं। अगर सरकार को लगता है कि ऐसा करने में कोई दिक्कत है, तो हमने बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग की है।”
राजद ने नीतीश कुमार पर तंज कसा
केंद्र द्वारा बिहार के विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार करने के बाद राजद ने जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा है। राजद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “नीतीश कुमार और जेडीयू नेताओं को केंद्र में सत्ता का आनंद लेना चाहिए और विशेष राज्य के दर्जे पर अपनी नाटकबाजी जारी रखनी चाहिए।”
नीतीश कुमार केंद्र और राज्य की सत्ता के लिए अपना ज़मीर, अपनी अंतरात्मा, बिहार की अस्मिता, बिहारवासियों की आकांक्षाओं और बिहार के वोटों की महत्ता को बेच चुके हैं!
“नीतीश कुमार तुरंत इस्तीफ़ा दें, बोला था विशेष राज्य का दर्जा दिला देंगे! अब केंद्र ने मना कर दिया!”
– श्री… pic.twitter.com/yCLmiwZRzU— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) July 22, 2024
लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार केंद्र और राज्य की सत्ता के लिए अपना ज़मीर, अपनी अंतरात्मा, बिहार की अस्मिता, बिहारवासियों की आकांक्षाओं और बिहार के वोटों की महत्ता को बेच चुके हैं! नीतीश कुमार तुरंत इस्तीफ़ा दें, बोला था विशेष राज्य का दर्जा दिला देंगे! अब केंद्र ने मना कर दिया!
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मुद्दे पर लालू प्रसाद यादव को ही घेरा। उन्होंने कहा कि लालू यादव को या तो समझ नहीं आ रहा है या वे बिहार के लोगों के साथ मजाक कर रहे हैं। जब वे (लालू यादव) कांग्रेस की गोद में खेल रहे थे और ‘किंग मेकर’ बने हुए थे, उस समय विशेष राज्य दर्जा का कानून भी था तब तो उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलवाया…।
#WATCH दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा देने से इनकार करने पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा, “लालू यादव को या तो समझ नहीं आ रहा है या वे बिहार के लोगों के साथ मजाक कर रहे हैं। जब वे(लालू यादव) कांग्रेस की गोद में खेल रहे थे और ‘किंग मेकर’ बने हुए… pic.twitter.com/rCh2RomIWK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2024
गिरिराज ने कहा कि बिहार के लिए पीएम मोदी ने 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया, 2 लाख करोड़ खर्च किए… खजाने का पिटारा खोल दिया जाएगा लेकिन बिहार में विकास को रुकने नहीं दिया जाएगा।”