नई दिल्लीः विवादित ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) से और मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ कई कार्रवाइयां शुरू की। आरोप है कि उसने अपनी पहचान बदलकर नियमों से ज्यादा बार परीक्षा देने की कोशिश की।
महाराष्ट्र की 32 वर्षीय इस ट्रेनी आईएएस पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने या भविष्य की परीक्षाओं से प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई भी कर सकता है। पूजा को एक नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है कि क्यों ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जाए और भविष्य की परीक्षाओं में उन्हें बैठने से रोका जाए?
पूणे में प्रशिक्षण के दौरान उनके व्यवहार को लेकर पहले से ही सवाल उठ रहे थे। उन्होंने जबरन एक केबिन पर कब्जा कर लिया था और बिना अनुमति के अपनी लग्जरी कार पर बीकन लाइट का इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके आरक्षित वर्ग और दिव्यांग कोटे से नौकरी पाने पर सवाल उठने लगे थे।
यूपीएससी ने कहा कि उसने सिविल सेवा परीक्षा 2022 की अस्थायी रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरामा दिलीप खेडकर के कुसंचालन की विस्तृत और गहन जांच की है।
यूपीएससी ने जांच में क्या पाया?
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के कदाचार की विस्तृत और गहन जांच की है। जांच में पता चला कि पूजा खेडकर ने परीक्षा नियमों को तोड़ा है। उन्होंने परीक्षा में ज्यादा बार बैठने के लिए अपनी पहचान छिपाई। उन्होंने अपना नाम, माता-पिता का नाम, फोटो, सिग्नेचर, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर सब बदल डाले।
उम्मीदवारी रद्द करने के लिए सिविल सेवा में भेजा नोटिस
आयोग का कहना है कि इस फर्जीवाड़े की वजह से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है और उनकी सिविल सेवा परीक्षा रद्द करने का कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है। सेवा परीक्षा-2022/ सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार उसे भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से प्रतिबंधित किया गया है।
यूपीएससी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। आयोग ने कहा कि वह बिना किसी समझौते के उचित उच्चतम मानदंडों के साथ सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
यूपीएससी का मानना है कि उसने अत्यंत निष्पक्षता और नियमों के सख्त पालन के साथ अपनी सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता सुनिश्चित की है। इस वजह से आयोग ने जनता, विशेषकर उम्मीदवारों से बहुत उच्च स्तर का विश्वास और विश्वसनीयता अर्जित की है।
आयोग ने यह भी कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध है कि विश्वसनीयता का यह उच्च क्रम बरकरार रहे और समझौता न किया जाए।