नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को NEET-UG पेपर लीक मामले में सुनवाई से पहले बड़ा अपडेट सामने आया है। सीबीआई ने प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं के इस मामले में अब एम्स, पटना के तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए डॉक्टर 2021 बैच के हैं। उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। सामने आई जानकारी के अनुसार जांच एजेंसी ने डॉक्टरों के कमरे को भी सील कर दिए हैं और उनके लैपटॉप सहित मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं।
इससे पहले मंगलवार को परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के आरोप में दो और लोगों की गिरफ्तार हुई। इन दो आरोपियों की पहचान पंकज कुमार और राजू सिंह के रूप में हुई है। इन्हें बिहार की राजधानी पटना और झारखंड के हज़ारीबाग से गिरफ्तार किया गया था। पंकज कुमार पेपर लीक माफिया का हिस्सा है और उसने कथित तौर पर राजू की मदद से नीट-यूजी के प्रश्न पत्र चुराए थे।
राजू हजारीबाग के एक गेस्ट हाउस का संचालक है। अधिकारियों ने बताया कि पटना की एक विशेष अदालत ने बुधवार को पंकज कुमार को 14 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। जबकि राजू को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है।
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। साथ ही सीबीआई के पास 13 अन्य आरोपी भी हिरासत में हैं, जिन्हें बिहार पुलिस ने मामले के खुलासा होने के बाद शुरुआत में गिरफ्तार किया था।
हजारीबाग लीक का था सबसे बड़ा सेंटर!
सीबीआई ने मंगलवार को हजारीबाग शहर के रामनगर स्थित राज गेस्ट हाउस को भी सील कर दिया था। यहां से सीबीआई ने रजिस्टर सहित कई दस्तावेज जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि पेपर लीक स्कैम में संलिप्त कई लोगों का इस गेस्ट हाउस में ठिकाना रहा है। यह भी जानकारी मिल रही है कि संदेह के घेरे में आए कुछ परीक्षार्थियों ने स्वीकार किया है कि उन्हें इसी गेस्ट हाउस में रुकवाया गया था।
इसके पहले सीबीआई ने 28 जून को हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एवं एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल मो. इम्तियाज और एक दैनिक अखबार के पत्रकार जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया था। इन सभी से एजेंसी ने रिमांड पर लंबी पूछताछ की थी। इसके बाद धनबाद और पटना से तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जा चुके हैं।
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अब पेपर लीक कराने वाले नेटवर्क की अहम कड़ी पत्रकार जमालुद्दीन के साथ हजारीबाग के राज गेस्ट हाउस के मालिक के निकट संबंध की जानकारी सीबीआई को मिली है। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की अब तक की जांच में पुख्ता साक्ष्य सामने आए हैं कि नीट-यूजी के पेपर लीक केस में हजारीबाग सबसे बड़ा सेंटर रहा है। यहां मंडई रोड स्थित ओएसिस स्कूल में परीक्षा का सेंटर बनाया गया था।
इस सेंटर के लिए भेजे गए प्रश्न लीक हुए थे। यहीं से पेपर पटना भेजा गया था, जहां एक हॉस्टल में कई छात्रों से मोटी रकम लेकर पेपर उपलब्ध कराए गए थे, बल्कि उनके उत्तर भी रटवाए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इस बीच सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को विवादों से घिरी इस मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। 11 जुलाई को पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने उन याचिकाओं की सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी। इन याचिकाओं में परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा आयोजित कराने और नीट-यूजी 2024 के संचालन में कथित कदाचार की जांच की मांग शामिल थी।
पिछली सुनवाई में 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि NEET-UG 2024 परीक्षा की शुचिता का उल्लंघन हुआ है। कोर्ट ने कहा था कि अगर ये सामने आता है कि बड़े पैमाने पर धांधली हुई है तो और पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। पीठ ने इसके लिए एनटीए और सीबीआई से कथित पेपर लीक की टाइमिंग और तरीके सहित पूरा विवरण मांगा था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।
इस बीच, केंद्र और एनटीए दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है। केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि आईआईटी-मद्रास द्वारा आयोजित नीट-यूजी 2024 रिजल्ट के डेटा विश्लेषण से पता चला है कि ‘सामूहिक कदाचार’ का कोई संकेत नहीं है। हलफनामे में ये भी कहा गया है कि 2024-25 के स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग जुलाई के तीसरे सप्ताह से चार राउंड में आयोजित की जाएगी।