तेहरान: ईरान ने बुधवार को अमेरिकी मीडिया की उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश तेहरान में रची गई थी।
तेहरान पर लगे थे हत्या के आरोप
सीएनएन ने मंगलवार को दावा किया था कि अमेरिकी अधिकारियों को “हाल के सप्ताहों में मानवीय सूत्रों से ट्रंप की हत्या की ईरानी साजिश के बारे में पता चला था जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।”
ईरान ने आरोपों पर दिया जवाब
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने आज एक बयान में कहा कि जनवरी 2020 में शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के “अपराध” में सीधी भागीदारी के कारण ईरान ट्रंप के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
लेकिन तेहरान ने ट्रंप पर हाल में हुए हमले में किसी प्रकार का हाथ होने या ईरान का ऐसा कोई इरादा होने से साफ-साफ इनकार किया है। कनानी ने कहा, “इस तरह के दावों के पीछे पक्षपात पूर्ण राजनीतिक मंशा है।”
चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व राष्ट्रपति पर हुआ था हमला
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर पेनसिल्वेनिया प्रांत में गत शनिवार को चुनावी रैली के दौरान थॉमस मैथ्यू क्रूक (20) नामक के युवक ने गोली चलाई थी। हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गये। गोली उनके कान को छूकर निकल गई। घटना में रैली में मौजूद एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गये।
रिपोर्ट में क्या कहा गया था
सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में एक अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया अधिकारी के हवाले से कहा था कि ईरानी “खतरे” के बारे में खुफिया सेवाओं और ट्रंप के अभियान को शनिवार की रैली से पहले ही जानकारी दे दी गई थी।
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि क्रूक के इस षड्यंत्र के जुड़े होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
संयुक्त राष्ट्र स्थित ईरान के मिशन ने न्यूयॉर्क में एक बयान जारी कर सीएनएन के दावे को “आधारहीन और पक्षपातपूर्ण” बताकर उसका खंडन किया था। इसमें कहा गया था कि ईरान का मानना है कि सुलेमानी की हत्या के लिए ट्रंप को अदालत से सजा मिलनी चाहिए।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)