चंडीगढ़ः छात्रों और राजनीतिक दलों के बढ़ते विरोध के बीच बुधवार को हरियाणा सरकार ने अग्निवीरों के लिए कुछ सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत कोटा देने की घोषणा की। चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कांस्टेबल, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और स्पेशल पुलिस ऑफिसर के पदों पर सीधी भर्ती में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।
नायब सिंह सैनी ने मीडिया को बताया कि ग्रुप बी और ग्रुप सी में अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों के लिए अधिकतम आयु मानदंड में तीन साल की रियायत दी जाएगी। उन्होंने ग्रुप सी और डी पदों पर भी आयु सीमा में तीन साल की छूट की बात कही। हालांकि, अग्निवीरों के पहले बैच में यह आयु सीमा पांच साल होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जून, 2022 को अग्निपथ योजना लागू की थी। इस योजना के तहत अग्निवीर 4 साल के लिए भारतीय सेना में तैनात होते हैं।
अग्निवीर को लेकर विवाद
भारत के सशस्त्र बलों में भर्ती होने के इच्छुक उम्मीदवारों की बढ़ती मांग के बीच ये बदलाव किए गए हैं। खासकर हरियाणा में, जहां 2024 के अंत में चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने देशभर में रक्षा भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की है और सरकार से पहले की पेशकश की गई स्थायी भर्ती योजना को वापस लेने का आह्वान किया है।
कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था, हम हमेशा से कहते रहे हैं कि अग्निपथ योजना युवाओं के साथ-साथ देश के हित में नहीं है। इसलिए, हमारी मांग है कि इस योजना को समाप्त किया जाना चाहिए और सेना में स्थायी भर्ती शुरू की जानी चाहिए।
रोहतक संसदीय सीट से निर्वाचित हुए हुड्डा ने कहा कि चुनाव नतीजों से यह भी पता चलता है कि देश की जनता ने इस योजना को नकार दिया है। उन्होंने कहा था- हरियाणा में पहले हर साल करीब 5500 युवा सेना में स्थायी भर्ती पाते थे, लेकिन अब सिर्फ 900 अग्निवीरों को ही लिया जा रहा है, जिनमें से करीब 225 अग्निवीरों को स्थायी किया जाएगा और बाकी घर लौट जाएंगे।
वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में अग्निवीरों के लिए 10 प्रति कांस्टेबल पद आरक्षित हैं, साथ ही आयु में छूट और शारीरिक दक्षता परीक्षा का भी प्रावधान है।
अग्निवीर योजना पर राजनीति जून में संसद तक पहुंच गई थी, जब कांग्रेस सदस्य और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक सेना को कभी कमजोर नहीं होने देगा और इस मुद्दे को उठाता रहेगा।
इससे पहले, राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर अग्निवीर योजना और मारे गए अग्निवीरों के परिवारों को मुआवजे के मुद्दे पर संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाया था। कांग्रेस नेता ने रक्षा मंत्री से माफी की भी मांग की थी। इम मामले के तुल पकड़ने के बाद भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (ADGPI) ने अग्निवीर अजय कुमार को मिलने वाले पारिश्रमिक पर स्पष्टीकरण दिया था।
उन्होने एक कहा कि भारतीय सेना ने ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अग्निवीर अजय कुमार कके परिवार को 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया है। लगभग 67 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और अन्य लाभ जल्द ही दिए जाएंगे।
अग्निपथ योजना क्या है?
अग्निपथ योजना भारत सरकार द्वारा 2022 में भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया में बदलाव लाने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, सेना में भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा और वे 4 साल की अवधि के लिए सेना में सेवा देंगे। 25% अग्निवीरों को 14 साल की अतिरिक्त सेवा के लिए नियमित सैनिक के रूप में रखा जाएगा। बाकी अग्निवीरों को सेवानिवृत्ति पैकेज और रोजगार सहायता मिलेगी।