नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया गया है। पीएम मोदी के रूस दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें यह सम्मान दिया। वैसे पीएम मोदी के लिए इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में ही कर दी गई थी। पीएम मोदी को ‘रूस और भारत के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी और रूसी और भारतीय लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में असाधारण सेवाओं’ के लिए यह सम्मान दिया गया है।
क्या है ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ सम्मान?
रूस में यह पुरस्कार देश के लिए असाधारण सेवाओं पर दिया जाता है। इसके तहत प्रमुख सरकारी और सार्वजनिक हस्तियों, सैन्य नेताओं सहित विज्ञान, संस्कृति, कला और अर्थव्यवस्था जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वालों को सम्मानित किया जाता है। यह सम्मान रूसी संघ के उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अन्य देशों के प्रमुखों को भी प्रदान किया जा सकता है।
#WATCH | Russian President Vladimir Putin confers Russia’s highest civilian honour, Order of St Andrew the Apostle on Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/aBBJ2QAINF
— ANI (@ANI) July 9, 2024
इस पुरस्कार का नाम सेंट एंड्रयू से आया है, जिन्हें यीशु के प्रचारक या उनके 12 मूल अनुयायियों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद, उनके इन अनुयायियों ने उनका संदेश फैलाने के लिए कई लंबी यात्राएं की थी। सेंट एंड्रयू ने रूस, ग्रीस और यूरोप सहित एशिया में कई जगहों की यात्रा की थी और कॉन्स्टेंटिनोपल चर्च की स्थापना की। इसी की बदौलत बाद में रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च की स्थापना हुई। आज रूस की करीब 14 करोड़ की आबादी में से 9 करोड़ से अधिक लोग चर्च का अनुसरण करते हैं।
सेंट एंड्रयू को रूस और स्कॉटलैंड का संरक्षक संत माना जाता है। स्कॉटलैंड के झंडे पर ‘X’ प्रतीक इन्हीं के प्रतीक से आता है, जिसे ‘सॉल्टायर’ भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सेंट एंड्रूय को इसी आकार (X) के क्रूस पर लटकाया गया था।
किसने शुरू किया ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ सम्मान?
‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ रूस के सबसे पुराने सम्मान में से एक है। इसकी शुरुआत ज़ार पीटर द ग्रेट (1672-1725) ने 1698 में की थी। इस ऑर्डर या सम्मान के तहत एक बैज, एक स्टार, एक ऑर्डर चेन और एक हल्के निले रंग का रिबन दिया जाता है। वहीं, युद्ध क्षेत्र में पराक्रम दिखाने वाले को दिए जाने वाले ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ सम्मान के तहत एक बैज और स्टार के साथ तलवारें दी जाती है।
इस सम्मान को 1918 में रूसी क्रांति के बाद समाप्त कर दिया गया था। इस क्रांति ने दरअसल ज़ारिस्ट शासन को उखाड़ फेंका था। हालांकि, सम्मान को 1998 में रूस के राष्ट्रपति के आदेश पर फिर से बहाल कर दिया गया।
किसे मिल चुका है यह सम्मान?
इस सम्मान को प्राप्त करने वालों में रूस के कई प्रभावशाली व्यक्ति शामिल रहे हैं। इनमें सैन्य इंजीनियर और बंदूक डिजाइनर मिखाइल कलाश्निकोव, लेखक सर्गेई मिखालकोव, सोवियत संघ के अंतिम नेता मिखाइल गोर्बाचेव, रूसी रूढ़िवादी चर्च के नेता पैट्रिआर्क एलेक्सी द्वितीय और रूसी रूढ़िवादी चर्च के वर्तमान प्रमुख पैट्रिआर्क क्रिल शामिल हैं।
वहीं, विदेशी नेताओं की बात करें तो साल 2017 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इससे सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा कजाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति नूरसुल्तान नाजरबायेव को भी यह सम्मान मिल चुका है।