गाजा: पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास की ओर से इजराइल पर अचानक हमले के बाद शुरु हुई जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। हमास के उस हमले में करीब 1200 लोग मारे गए। सैकड़ों लोगों को हमास ने बंधक बना लिया। इस विभत्स घटना के बाद इजराइल ने और निर्मम तरीके से सैन्य कार्रवाई शुरू की।
हालात ये हैं कि गाजा पट्टी का इलाका तबाह हो गया है। कई जगहों पर बिखरे हुए मलबे, महिलाओं, आम नागरिकों और बच्चों के शव नजर आ रहे हैं। हमलों में जो बच गए हैं, उनके लिए उनके लिए जीवन की मूलभूत जरूरतों जैसे खाना, पानी और इलाज मुश्किल हो गया है। इन सबके बीच हमास को लेकर नाराजगी भी अब स्थानीय लोगों में नजर आने लगी है।
हमास के खिलाफ बढ़ने लगी है नाराजगी?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार गाजा में हमास के खिलाफ स्थानीय लोगों में अब नाराजगी बढ़ने लगी है। सड़कों से लेकर ऑनलाइन भी यह नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है। रिपोर्ट के अनुसार कई लोग इजराइली बंधकों को भीड़-भाड़ वाले बाजार के पास अपार्टमेंट में छुपाने के लिए हमास की खुलकर आलोचना कर रहे हैं। साथ ही हमास की ओर से आबादी वाले इलाकों (सिविलियन एरिया) से रॉकेट दागने के लिए भी सार्वजनिक रूप से हमास की आलोचना स्थानीय लोग कर रहे है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बाजारों में हमास नेताओं के खिलाफ अपशब्द कहना और गालियां देना अब आम बात हो गई है। गाजा में कई खच्चर गाड़ियों के मालिकों ने तो अपने जानवरों का नाम हमास नेता याह्या सिनवार के नाम तक पर रख दिया है। यही नहीं, वे अपने जानवरों को आगे बढ़ाने के लिए चिल्लाकर हमास नेता के नाम का इस्तेमाल भी करते हैं।
‘हमास ने बर्बाद कर दिया…7 अक्टूबर के हमले की क्या जरूरत थी?’
बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि एक व्यक्ति ने ये तक कहा कि, ‘लोग ऐसी बातें कहते हैं, ‘हमास ने हमें बर्बाद कर दिया है या यहां तक कि अल्लाह से उनकी जान लेने के लिए भी दुआ करते हैं। वे पूछते हैं कि 7 अक्टूबर के हमले किस लिए थे, कुछ कहते हैं कि वे इज़राइल के लिए एक उपहार थे।’
इस बीच कई लोग अपने नेताओं से इसराइल के साथ युद्धविराम पर सहमति बनाने का भी आग्रह कर रहे हैं। वैसा ऐसा भी नहीं है कि सभी हमास के खिलाफ जा रहे हैं। गाजा में अभी भी कई लोग हैं जो हमास के प्रति बेहद वफादार हैं। यह फिलहाल एकदम से जानना मुश्किल है कि किस हद तक लोग हमास के खिलाफ हो रहे हैं या उनके प्रति कितना समर्थन जारी है।
हमास के लिए काम करने वाले भी नाराज
हमास सरकार के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने माना कि हमास का 7 अक्टूबर का हमला ‘एक पागल और नतीजे का अंदाजा लगाए बिना’ उठाया गया कदम था। इस कर्मचारी ने नाम सर्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘मैं हमास सरकार के साथ काम करता रहा हूं। मैं अच्छी तरह जानता हूं कि उसने सैन्य हमले के लिए अच्छी तैयारी की थी, लेकिन उन्होंने घरेलू मोर्चे की उपेक्षा की।’
कर्मचारी ने कहा, ‘उन्होंने हमले से पहले आम लोगों के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं बनाई। उन्होंने पर्याप्त भोजन, ईंधन और चिकित्सा आपूर्ति का इंतजाम नहीं किया। अगर मैं और मेरा परिवार इस युद्ध से बच गए तो मैं पहला मौका मिलते ही गाजा छोड़ दूंगा।’
हमास का पहले भी होता रहा है विरोध
ऐसा नहीं है कि हमास का विरोध केवल जंग शुरू होने के बाद शुरू हुआ है। युद्ध से बहुत पहले से ही कुछ हद तक हमास का विरोध हो रहा था। हालांकि डर की वजह से यह बातें पर्दे के पीछे रहती थी। खुलकर विरोध बहुत आम नहीं था।
पिछली बार 2006 में फिलिस्तीनी चुनाव हुए थे। क्षेत्र में गाजा के लोगों ने 24 सीटों में से 15 पर हमास को चुना। वहीं, अन्य नौ जिलों में मतदाताओं ने एक अलग पार्टी को चुना। एक साल बाद ही हमास ने गाजा से फिलिस्तीनी सुरक्षा बलों को जबरन बाहर निकाल दिया और पूरे गाजा पट्टी का संचालन अपने हाथ में ले लिया। इसके बाद से हमास की प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक पार्टी फतह के साथ उसकी कड़वाहट और बढ़ गई। एक राजनीतिक कार्यकर्ता अमीन अबेद ने कहा कि युद्ध से पहले हमास के खिलाफ बोलने के लिए उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अब 8 महीने बाद हमास के खिलाफ असहमति आम होती जा रही है।
आलोचना तेज पर हमास के समर्थन में अब भी ज्यादातर लोग
वेस्ट बैंक स्थित एक थिंक टैंक पैलेसेटिनियन सेंटर फॉर पॉलिसी एंड सर्वे रिसर्च द्वारा किए गए एक हाल के सर्वे से पता चलता है कि गाजा में अधिकांश लोग अभी भी युद्ध के लिए हमास के बजाय इजराइल और उसके सहयोगियों को दोषी मान रहे हैं। जून में हुए इस सर्वे में हिस्सा लेने वालों में लगभग दो तिहाई हमास से संतुष्ट नजर आए। यह दिसंबर के सर्वे के मुकाबले 12 अंक अधिक है।
यही नहीं, लगभग आधे लोग जंग खत्म होने के बाद भी किसी अन्य विकल्प के बजाय हमास को ही गाजा का संचालन करते हुए देखना चाहते हैं। कुल मिलाकर हमास के समर्थन में कई लोग दिखाई देते हैं लेकिन उसकी आलोचना भी तेज और खुलकर हो रही है।