Friday, October 17, 2025
Homeविश्वउत्तर वजीरिस्तान में फौजी ठिकाने पर आत्मघाती हमला, 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे...

उत्तर वजीरिस्तान में फौजी ठिकाने पर आत्मघाती हमला, 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, 13 घायल

हमले की जिम्मेदारी टीटीपी ने ली है। संगठन ने कहा कि इस आत्मघाती अभियान को उसके खालिद बिन वलीद यूनिट और “तहरीक-ए-तालिबान गुल बहादुर ग्रुप” ने मिलकर अंजाम दिया।

पाकिस्तान के उत्तर वजीरिस्तान के मीर अली इलाके में शुक्रवारको एक आत्मघाती हमले में कम से कम सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 13 अन्य घायल हुए। यह इलाका अफगान सीमा के करीब है। स्थानीय मीडिया ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से भरी कार को सुरक्षा बलों के कैंप की दीवार से टकरा दिया, जिसके बाद भीषण गोलीबारी हुई। मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। धमाके से आसपास के कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में धुएं के घने गुबार उठते दिखे।

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर संघर्षविराम मुश्किल से कायम है। दोनों देशों के बीच दोहा में होने वाली शांति वार्ता से कुछ घंटे पहले ही यह घटना हुई।

हमले की जिम्मेदारी टीटीपी ने ली है। संगठन ने कहा कि इस आत्मघाती अभियान को उसके “खालिद बिन वलीद यूनिट” और “तहरीक-ए-तालिबान गुल बहादुर ग्रुप” ने मिलकर अंजाम दिया।

पाकिस्तानी सरकारी चैनल पीटीवी ने कहा कि, “एक खारिज (आतंकी) ने विस्फोटक वाहन को सुरक्षा शिविर की दीवार से टकराया, जिसके बाद तीन और आतंकी परिसर में घुसने की कोशिश करने लगे।”

अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद सेना ने लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात किए और इलाके में भारी मुठभेड़ जारी रही। इसे हाल के महीनों में उत्तर वज़ीरिस्तान में सबसे गंभीर आतंकी हमलों में से एक बताया जा रहा है।

इसी दौरान, बाजौर जिले के मामुंद तंगी शाह इलाके में एक और शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जो कथित तौर पर सड़क किनारे खड़ी विस्फोटक से लदी गाड़ी के कारण हुआ। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेरकर जांच शुरू कर दी है।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जो 2007 में कई आतंकी गुटों को मिलाकर बनी थी, पाकिस्तान में कई घातक हमलों की जिम्मेदारी ले चुकी है।

गौरतलब है 2021 में अमेरिका के नेतृत्व वाली सेनाओं की वापसी के बाद काबुल में सत्ता में लौटे अफगान तालिबान के साथ पाकिस्तान के संबंधों में उग्रवादी हिंसा के कारण लंबे समय से तनाव बना हुआ है। दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव तब बढ़ा, जब इस्लामाबाद ने कथित तौर पर काबुल से सीमा पार सुरक्षित पनाहगाहों से पाकिस्तान के अंदर हमले करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब डुरंड रेखा पर संघर्षविराम मुश्किल से कायम है। पिछले हफ्ते दोनों देशों के बीच हुई भारी गोलाबारी में दर्जनों लोग मारे गए थे। इसके बाद बुधवार शाम को एक अस्थायी युद्धविराम लागू किया गया, जो अफगान तालिबान शासन के अनुरोध पर तय हुआ था।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा