ढाका: पड़ोसी देश बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन और हिंसा की खबरे सामने आ रही है। यह हिंसा प्रदर्शनकारी और सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी की छात्र शाखा के बीच हो रही है।
बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल भी हुए हैं। प्रदर्शन को काबू करने के लिए सुरक्षा बल आंसू गैस और रबर की गोलियां छोड़ रहे हैं। विरोध को रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को देशव्यापी बंद का भी ऐलान किया था।
हालात इतने खराब हो गए हैं कि राजधानी ढाका समेत कई और शहरों में स्कूल कॉलेज को भी अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए भारत ने भी अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। बता दें कि इस कोटा को लेकर पहले भी विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं।
एडवाइजरी में क्या कहा गया है
बांग्लादेश में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को एक एडवाइजरी जारी की जिसमें देश भर में चल रहे बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय छात्रों और नागरिकों से सतर्क रहने को कहा गया है।
एडवाइजरी में कहा गया है, “बांग्लादेश में मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय समुदाय के सदस्यों और बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय छात्रों, नागरिकों को यात्रा से बचने और अपने रहने की जगह से बाहर कम निकलने की सलाह दी जाती है।”
एडवाइरी में 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है और भारतीय नागरिकों से ढाका में उच्चायोग और सहायक उच्चायोग से जरूरत पड़ने पर संपर्क करने को कहा गया है।
जारी हुआ हेल्पलाइन
भारतीय उच्चायोग, ढाका +880-1937400591 (व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध)
भारतीय सहायक उच्चायोग, चटगांव +880-1814654797 / +880-1814654799 (व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध)
भारतीय सहायक उच्चायोग, राजशाही +880-1788148696 (व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध)
भारतीय सहायक उच्चायोग, सिलहट +880-1313076411 (व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध)
भारतीय सहायक उच्चायोग, खुलना +880-1812817799 (व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध)
संबोधन में पीएम ने क्या कहा
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान प्रधामंत्री शेख हसीना ने विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को यह आश्वासन दिया कि वे सुप्रीमकोर्ट के फैसले से निराश नहीं होंगे। यही नहीं प्रधानमंत्री ने विरोध और हिंसा कर रहे प्रदर्शनकारियों पर बोलते हुए उन्होंने न्यायिक जांच कराने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की भी घोषणा की है।
Prime Minister #SheikhHasina assures the students who are demanding #QoutaReform that they will not be disappointed by the #Supremecourt‘s decision. During her address to the nation, she declared to conduct judicial inquiries and bring perpetrators to justice.… pic.twitter.com/eTMCpk4i1u
— Stay With Sheikh Hasina (@StayWithHasina) July 17, 2024
हिंसा में छह लोगों की मौत, तोड़भोड़ की भी खबर
गुरुवार को बांग्लादेश के अधिकांश हिस्से में पूर्ण बंद रहा। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में छात्र प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों की देश भर में सत्तारूढ़ अवामी लीग की छात्र शाखा के सदस्यों के साथ झड़पें हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ढाका के शोनीर अखरा इलाके में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच हुई झड़पों में एक बच्चे समेत छह लोगों की मौत हो गई। आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं देश भर से सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने टायर, लकड़ी के लट्ठे, मोटरसाइकिल और टोल प्लाजा बूथों में आग लगा दी।
क्यों हो रहा है प्रदर्शन और हिंसा
दरअसल, अवामी लीग पार्टी की नेता और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने साल 2018 में एक कोटा लाई थीं जिसे लेकर उस समय काफी विरोध हुआ था। प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले महान लोगों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी। इस आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में उस समय विरोध-प्रदर्शन हुआ था।
प्रदर्शनकारियों की क्या मांग है
विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का तर्क था कि यह आरक्षण सिस्टम भेदभावपूर्ण है और इससे केवल प्रधानमंत्री शेख हसीना के पार्टी से जुड़े लोगों का ही लाभ होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी अवामी लीग पार्टी ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था।
प्रदर्शनकारी कोटा को खत्म करने और योग्यता के आधार पर आरक्षण लागू करने की मांग कर रहे थे। पूरे देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने इस आरक्षण को उस समय रोक दिया था।
बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने कोटा किया है बहाल
इस साल की शुरुआत में शेख हसीना की पार्टी को लगातार चौथी बार जीत हासिल हुई है। अवामी लीग पार्टी की सरकार बनने के बाद इसी साल जून में बांग्लादेश के 1971 के दिग्गजों के रिश्तेदारों द्वारा बांग्लादेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी जिस पर अब जाकर कोर्ट का फैसला आया है।
कोर्ट ने दिग्गजों के परिवार वालों को कोटा देने पर मंजूरी दे दी है। इस बहाली के बाद से ही देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।
अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
मंगलवार को शेख हसीना ने कोटा का बचाव किया है और कहा है यह कोटा 1971 के दिग्गजों द्वारा किए गए बलिदान के लिए यह एक सर्वोच्च सम्मान के रूप में हैं। हालांकि जब मामला तूल पकड़ा तो इसे बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है जिस पर सात अगस्त को सुनवाई होगी।