मैड्रिड: उत्तरी अमेरिका की खोज करने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस से जुड़ी 500 साल पुराने रहस्य के खुलासे का दावा किया गया है। फोरेंसिक वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि स्पेन के सेविले कैथेड्रल में जो मानव हड्डियां हैं वह क्रिस्टोफर कोलंबस की ही हैं।
पिछले 20 सालों से सेविले कैथेड्रल में दफन हड्डियों की जांच की जा रही थी जिसे लेकर अब जाकर खुलासा हुआ है। फोरेंसिक वैज्ञानिकों के दावों से क्रिस्टोफर कोलंबस के दफन होने की जगह का भी खुलासा हुआ है।
क्रिस्टोफर कोलंबस की 1506 में मौत हुई थी। उनकी मौत के बाद उनके शरीर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया था। इस कारण काफी लंबे समय से कोलंबस के दफन करने की जगह को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
कोलंबस को लेकर इतिहासकार भी अलग-अलग दावे करते आ रहे हैं। पुरानी थ्योरी के अनुसार, कोलंबस इटली के जेनोआ के रहने वाले थे। वहीं कुछ इतिहासकारों का यह भी कहना है कि वह स्पैनिश यहूदी या यूनानी, बास्क या फिर पुर्तगाली थे।
रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ है
एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबस के दफन की जगह को पता लगाने के लिए साल 2003 में सेविले कैथेड्रल में मौजूद हड्डियों की जांच शुरू की गई थी। फोरेंसिक वैज्ञानिकों की एक टीम को लीड करते हुए लोरेंटे और इतिहासकार मार्शियल कास्त्रो ने वहां पर मौजूद अज्ञात हड्डियों की जांच शुरू की थी।
लेकिन उस समय तकनीक उतना उन्नत नहीं था जिस कारण हड्डियों का सही से डीएनए विश्लेषण नहीं हो पाया था। पिछले कुछ सालों में जिस तरीके से डीएनए के क्षेत्र में उन्नति हुई है, इससे फोरेंसिक वैज्ञानिक अब उन हड्डियों की पहचान करने में कामयाब हो सके हैं।
फोरेंसिक वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कैथेड्रल में मौजूद मानव हड्डियां कोलंबस की ही हैं।
Breaking – it has been revealed through DNA that Christopher Columbus (Colon) based on testing revealed on Spanish television that he was a Jew from Valencia – to my knowledge Haplogroup not yet announced pic.twitter.com/Nh58NveyrM
— Lloyd de Vere Hunt (@Vere15th) October 12, 2024
इसकी पुष्टि के लिए वैज्ञानिकों ने कोलंबस के वंशजों और रिश्तेदारों का डीएनए टेस्ट किया था। सेविले कैथेड्रल में दफन किए गए कोलंबस के भाई डिएगो और बेटे हर्नान्डो की हड्डियां का डीएनए टेस्ट के बाद यह खुलासा हुआ है।
फोरेंसिक वैज्ञानिकों के खुलासे को स्पेन के एक टीवी कार्यक्रम में दिखाया जाएगा। कोलंबस डीएनए: द जेनुइन ओरिजिन नामक टीवी कार्यक्रम को स्पेन के राष्ट्रीय प्रसारक टीवीई पर प्रसारित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में फोरेंसिक वैज्ञानिक अपनी दावे के बारे में बताएंगे और कोलंबस से जुड़े हर पहलू पर खुलासा करेंगे।
कार्यक्रम में न केवल डीएनए जांच की जानकारी दी जाएगी बल्कि कोलंबस की राष्ट्रीयता के बारे में भी खुलासा किया जाएगा। बता दें कि कोलंबस की राष्ट्रीयता के बारे में भी काफी लंबे समय से बहस चलते आ रही है जिस पर इस कार्यक्रम में खुलासा होने की उम्मीद है।
कौन थे कोलंबस?
पुरानी थ्योरी के अनुसार, कोलंबस इटली के एक खोजकर्ता थे जो यूरोप से एशिया का समुद्र के जरिए सीधा रास्ता खोजने के लिए निकले थे। उनकी यात्रा को आरागॉन के स्पेनिश सम्राट फर्डिनेंड और कैस्टिले के इसाबेला द्वारा फंडिंग किया गया था।
1492 में वे अपने तीन जहाजों वाले दल के साथ सीधे रास्ते की खोज में निकले थे। कोलंबस एशिया के रास्तों को खोजने में निकले थे लेकिन वे उत्तरी अमेरिका पहुंच गए थे। कोलंबस ने उत्तरी अमेरिका का खोज किया है, इससे पहले इसके बारे में किसी को पता भी नहीं था।
कोलंबस की मौत को लेकर किए जाने वाले दावें
स्पेन के वलाडोलिड में 1506 में क्रिस्टोफर कोलंबस की मौत हुई थी। मरने से पहले कोलंबस ने यह इच्छा जाहिर की थी उनकी मौत के बाद उन्हें हिस्पानियोला द्वीप में दफनाया जाए। उस समय यह द्वीप एक था जो अब डोमिनिकन गणराज्य और हैती के बीच विभाजित हो गया है।
1542 को उनके अवशेषों को हिसपनिओला ले जाया गया था जिसे बाद में क्यूबा में स्थानांतरित कर दिया गया था। 1898 तक लोगों का यह मानना था कि कोलंबस के अवशेष सेविले कैथेड्रल में मौजूद हैं।
लेकिन 1877 में डोमिनिकन गणराज्य की राजधानी सैंटो डोमिंगो की एक कैथेड्रल में मजदूरों की खुदाई के दौरान एक सीसे का ताबूत मिला था। इस ताबूत में हड्डी के टुकड़े थे जिनके बारे में डोमिनिकन गणराज्य ने दावा था कि ये कोलंबस के अवशेष हैं।
अपनी दावों में फोरेंसिक वैज्ञानिक मिगुएल लोरेंटे ने कहा है कि कोलंबस के अवशेष दोनों जगहों पर मौजूद हो सकते हैं। लोरेंट ने कहा है कि सेविले कैथेड्रल और सैंटो डोमिंगो में पाई गई हड्डियों के दोनों सेट अधूरे हैं। इससे यह कहा जा सकता है कि उनके अवशेष के कुछ हिस्से दोनों जगहों पर हो सकते हैं।