नई दिल्ली: बेंगलुरु की एक महिला के साथ “लाउंज पास” के नाम पर 87 हजार का स्कैम हो गया है। भार्गवी मणि ने बताया कि बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक लाउंज कर्मचारी द्वारा एक “लाउंज पास” ऐप के बारे में जानकारी दी गई थी और उसके व्हाट्सऐप पर ऐप को इंस्टॉल करने का लिंक शेयर किया गया था।
महिला ने जैसे ही ऐप को इंस्टॉल किया था और उसे एक्टिव किया था, उसके चेहरे का स्कैन किया गया था और कुछ एक्सेस के साथ उसकी निजी जानकारियां मांगी गई थी।
इसके बाद उसके क्रेडिट कार्ड से भुगतान हुआ था जिसमें उसके साथ 87 हजार का स्कैम हुआ है। साइबर सुरक्षा फर्म क्लाउडएसईके ने अपनी जांच में पाया है कि इस स्कैम के जरिए जुलाई और अगस्त 2024 के बीच कम से कम 450 यात्रियों को निशाना बनाया गया है।
फर्म का दावा है कि स्कैम में लोगों के साथ अब तक नौ लाख से अधिक रुपए का फ्रॉड हो चुका है। ऐसे में क्या है यह स्कैम और कैसे करता है यह काम, आइए जाने लेते हैं।
क्या है “लाउंज पास” स्कैम और कैसे करता है ये काम
“लाउंज पास” स्कैम में एयरपोर्ट पर लाउंज के एक्सेस के नाम पर लोगों के साथ स्कैम किया जा रहा है। यह एक तरह की सेवा है जिसमें एयरपोर्ट पर रुकने और खाने जैसी सुविधाएं मिलती है जिसके लिए लोगों को फीस भी अदा करनी पड़ती है।
मणि ने बताया कि जैसे ही उसे व्हाट्सऐप के जरिए ऐप का लिंक शेयर किया गया था और उसने उसे इंस्टॉल किया था, ऐप द्वारा उसकी निजी जानकारियां मांगी गई थी। इसके साथ ही उससे कुछ परमिशन भी मांगी गई थी जिसमें उसके फोन के मैसेज का एक्सेस भी शामिल था।
स्कैमर ने ऐप की मदद से मणि के कॉल और मैसेज को एक दूसरे नंबर पर फॉर्वड कर दिया था। चूंकि निजी जानकारियां लेते समय स्कैमर ने मणि के क्रेडिट कार्ड का डिटेल भी ले लिया था, वह उसके कार्ड से भुगतान किया था।
भुगतान के समय आने वाले ओटीपी का एक्सेस भी स्कैमर के पास होने के कारण उसने ओटीपी दर्ज कर मणि के कार्ड से पैसे ट्रांसफर कर लिए थे। इससे पहले की मणि कुछ समझ पाती, उसके साथ स्कैम हो जाता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, लाउंजपास.इन, लाउंजपास.इन्फो, और लाउंजपास.ऑनलाइन जैसे डोमेन पर इस स्कैम को फैलाया जाता है। क्लाउडएसईके के अंशुमन दास ने कहा है कि अभी तक हमे इस तरह के केवल एक ही ऐप की जानकारी मिली है जिसके जरिए केवल यात्रियों को टारगेट किया जा रहा है। क्या पता इस तरह के हजारों ऐप और भी मौजूद हो।
“लाउंज पास” स्कैम -ऐसे करें खुद का बचाव
“लाउंज पास” स्कैम से बचने के लिए यात्रियों को इन बातों को ध्यान देने की जरूरत है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इस तरह के ऑफर के चक्कर में न पड़े और लाउंज की सेवा लेने के लिए केवल नामी सर्विस प्रोवाइडरों से ही संपर्क करें।
यही नहीं अगर किसी शख्स द्वारा लाउंज पास से संबंधित कोई ऑफर दिया जाता है तो इस केस में आप उस ऑफर की सही से जांच कर लें। किसी भी ऐप को किसी तरह का एक्सेस देने से पहले ऐप के बारे में पूरी जानकारी जमा कर लें।
यही नहीं लोगों को किसी भी व्हाट्सऐप या टेलीग्राम ग्रुप में ज्वाइन करने से पहले उसकी पूरी जानकारी ले लेनी की सलाह दी जा रही है। किसी अंजान को अपना आधार नंबर, बैंक खाते, डेबीट कार्ड डिटेल, मोबाइल ओटीपी आदि को शेयर करने से बचना चाहिए।
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यहां करें “लाउंज पास” फ्रॉड की शिकायत
अगर आपको किसी अंजान से स्पैम कॉल आता हैं या फिर आप किसी स्कैम का शिकार हो गए हैं तो इस केस में आप अपने बैंक को तुरंत संपर्क करें और इसकी उन्हें जानकारी दें।
बैंक में संपर्क करने से आपके खाते कुछ समय के लिए बंद किए जा सकते हैं जिससे आप और अधिक नुकसान से बच सकते हैं। साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि स्कैम के बारे में जितनी जल्दी शिकायत की जाएगी उतनी ही जल्दी पैसे मिलने के चांस बढ़ जाते हैं।
आप अपने साथ हुए स्कैम की शिकायत अपनी नजदीकी पुलिस स्टेशन या फिर साइबर क्राइम थाना में भी कर सकते हैं। आप अपनी शिकायत को ऑनलाइन राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी दर्ज करा सकते हैं। इस पोर्टल को इस तरह के स्कैम को रिपोर्ट करने के लिए बनाई गई है।
आप इस पोर्टल के नंबर 1930 पर भी कॉल कर अपनी शिकायत को दर्ज करा सकते हैं। इस नंबर पर कॉल कर स्कैम की जानकारी देने से आपको बैंक खाते को तुरंत फ्रीज कर दिया जाता है जिससे आपके खाते से स्कैमर और पैसा नहीं निकाल पाता है और आपका कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है।
इसके आलावा साइबर स्कैम की शिकायतों के लिए आप चक्षु पोर्टल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप इसके वेबसाइट https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp पर भी जा सकते हैं। यहां पर आप से कुछ जानकारियां पूछी जाएगी और फिर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।