रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना के टीका को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। सीएम सोरेन ने राज्य के कांस्टेबल भर्ती की दौड़ में अभ्यर्थियों की मौत को कोरोना के टीकों के दुष्प्रभावों से जोड़ा है।
हेमंत सोरेन ने दावा किया है कि कोरोना के टीका के कारण बुजुर्ग तो बुजुर्ग युवा भी इसके दुष्प्रभावों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि टीका के दुष्प्रभावों के कारण भर्ती के फिजिकल टेस्ट यानी दौड़ में आए अभ्यार्थियों की मौत हुई है।
सीएम ने कहा है कि यह मौत किस कारण हुई है, इसकी जांच की जा रही है। बता दें कि पिछले हफ्ते राज्य के अलग-अलग जगहों पर कांस्टेबल भर्ती की दौड़ में आए 12 अभ्यर्थियों की जान चली गई है। घटना के बाद इसकी जांच शुरू की गई है और मंगलवार को भर्ती प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।
सीएम सोरेन ने असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के झारखंड चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा पर भी निशाना साधा है। हेमंत सोरेन ने सरमा पर सांप्रदायिक विवाद फैलाने और असम में बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है जबकि इससे पहले सरमा ने इस मुद्दे के लिए झारखंड की सरकार को दोषी ठहराया था।
सीएम ने क्या कहा है
बुधवार को सीएम सोरेन ने रांची में ‘मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना’ की लाभार्थियों के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए यहां आए थे।
इस दौरान उन्होंने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने कोरोना के दौरान देश में करोड़ों लोगों को ऐसा टीका लगवाया, जिसका दुष्प्रभाव आज साफ दिख रहा है।
सीएम ने आगे कहा है कि टीका के कारण आज चलते-फिरते लोगों की मौत हो जा रही है। बुजुर्गों को तो छोड़िए, स्वस्थ युवा भी देखते-देखते मौत का शिकार हो रहे हैं। हमारे यहां कांस्टेबल बहाली के लिए चल रही दौड़ में कुछ युवाओं की जान चली गई है।
हेमंत सोरेन ने कहा है कि हम इस मामले की जांच करवा रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष के लोग हम पर आरोप भी लगा रहे हैं। लेकिन, मेरा मानना है कि इन युवाओं की मौत केवल दौड़ लगाने की वजह से नहीं हुई है। इसके पीछे कोरोना टीके का दुष्प्रभाव भी हो सकता है।
टीका बनाने वाली कंपनियों से भाजपा ने वसूला चंदा-सीएम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सोरेन ने कहा है कि भाजपा ने कोरोना का टीका बनाने वाली कंपनियों से पैसा और चंदा वसूला है और लोगों को जबरन ऐसा टीका लगवाया जिसकी वजह से सर्दी-खांसी जैसी मामूली बीमारी में भी मौतें हो रही हैं।
सीएम सोरेन ने आगे कहा है कि हाल में हमारे एक सांसद की पत्नी का 28 साल की उम्र में मामूली बीमारी से निधन हो गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि जो टीका दुनिया के बाकी हिस्सों में नहीं लगा, वह हमारे देश के लोगों को लगाया गया है।
विपक्ष ने हेंमत सोरेन पर लगया यह आरोप
मामले में आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने बुधवार को प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला किया है। उन्होंने कांस्टेबल भर्ती की दौड़ में अभ्यर्थियों की मौत को लेकर कहा कि यह सरकार की बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि कहीं न कही सरकार ने भी मामले का संज्ञान लेकर दौड़ को रोका है।
सुदेश महतो ने आगे कहा है कि नौकरी में 450 पदों के लिए 4 लाख से अधिक लोग आए थे। इस पद की योग्यता 10वीं और 12वीं तक है, लेकिन देखिए कौन-कौन लोग आए हैं? ये कहीं न कहीं राज्य के हालात को दर्शाता है कि यहां पर बेरोजगारी का स्तर क्या है?
महतो ने यह भी कहा है कि सिपाही भर्ती में 4.50 लाख लोग शामिल हो रहे हैं और उसमें भी ऐसे लोग हैं, जो व्हाइट कॉलर नौकरी के लिए तैयारी कर रहे थे। एमबीए, ग्रेजुएशन और अन्य डिग्री हासिल करने के बावजूद लोग सिपाही भर्ती में शामिल हो रहे है। यह उनकी मजबूरी है, इस सरकार ने उन्हें ऐसा करने पर मजबूर किया है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति का किया गया गठन
इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था कि मृतक और शोकाकुल परिवारों को सरकार की तरफ से तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया है।
सीएम के अनुसार, युवाओं की असामयिक मृत्यु के कारणों की समीक्षा करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति गठित की जा रही है। समिति को परामर्श रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे नहीं हों।
मामले में सोरेन ने एक्स पर क्या लिखा है
सीएम सोरेन ने एक्स पर लिखा, “एहतियातन अगले तीन दिनों के लिए हमने इस भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्देश दिया है। दौड़ का आयोजन अब प्रातः 9 बजे के बाद किसी भी सूरत में नहीं किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों को दौड़ के पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरत महसूस होगी, उनके लिए चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था होगी। प्रतियोगिता स्थलों पर प्रतिभागियों के लिए नाश्ते और फल की व्यवस्था होगी, ताकि कोई भूखे पेट दौड़ में हिस्सा न ले।”
10 से ज्यादा अभ्यार्थियों की हुई मौत
बता दें कि झारखंड में उत्पाद विभाग में कांस्टेबल के 583 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत पुरुष अभ्यर्थियों के लिए एक घंटे में 10 किलोमीटर और महिलाओं लिए 40 मिनट में पांच किलोमीटर की दौड़ पूरी करने की शर्त रखी गई है।
पिछले 11 दिनों के दौड़ के दौरान में शामिल 10 से ज्यादा युवाओं की मौत हो गई है, जबकि 300 से भी ज्यादा अभ्यर्थी बेहोश हुए हैं।
इसे लेकर भाजपा हेमंत सोरेन सरकार पर हमलावर है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दो सितंबर को रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन मौतों के लिए हेमंत सोरेन सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के करीब एक घंटे बाद ही सीएम हेमंत सोरेन ने कांस्टेबल बहाली के लिए दौड़ को तीन दिनों तक स्थगित करने की घोषणा की थी। उन्होंने मौत के कारणों की समीक्षा की भी बात कही थी। इस मामले में सोरेन ने अब भाजपा के आरोप पर पलटवार किया है।
टीका को लेकर उठ चुके हैं सवाल
इसी साल मई में टीका बनाने वाले कंपनी एस्ट्राजेनेका ने विश्व स्तर पर कोरोना के टीके को वापस ले लिया था जिसके बाद से ही कोरोना के टीका को लेकर चिंताएं बढ़ गई थी। यह वही कंपनी है जिसने भारत में कोविशील्ड नामक कोरोना का टीका बनाया था जिसे भारी संख्या में भारतीयों को लगाया भी गया था।
मई में अवेकन इंडिया मूवमेंट (एआईएम) के डॉक्टरों ने सभी कोरोना के टीकों का समर्थन करने वाले वैज्ञानिक डेटा की व्यापक समीक्षा का आह्वान किया था। उन्होंने टीकों की वापसी के मद्देनजर उनकी सुरक्षा और प्रभावशीलता के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की जरूरतों पर भी जोर दिया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ