अदनः यमन के मध्य प्रांत मारिब में सरकार से जुड़ी संयुक्त यमनी सेना (जायंट्स ब्रिगेड) और हूती लड़ाकों के बीच हुई भीषण झड़प में 10 लोग मारे गए। टकराव शबवा प्रांत में शहर मारिब के दक्षिण में हरीब मोर्चे पर हुआ।
मारिब में लंबे समय से यमनी सेना और हूती विद्रोहियों में संघर्ष हो रहा है। मारिब यमन का एक ऊर्जा समृद्ध प्रांत है। इस पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से हूती विद्रोहियों ने साल 2021 की शुरुआत में एक बड़ा हमला शुरू किया था।
सरकार द्वारा नियंत्रित मारिब शहर का राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक महत्व बहुत अधिक है। यह रक्षा मंत्रालय मुख्यालय, सरकार समर्थक यमनी सेना नेतृत्व, प्रमुख सुरक्षित तेल क्षेत्र और रिफाइनरी और देश के सबसे बड़े बिजली संयंत्र का घर है।
एक सैन्य अधिकारी ने भारतीय समाचार एजेंसी आईएएनस को बताया कि घंटे भर चली झड़प में भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ। जिसमें चार सरकारी बलों के सदस्यों और छह हूती लड़ाकों की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि इस टकराव में दोनों पक्षों के नौ लोग घायल भी हुए हैं। सैन्य अधिकारी ने कहा कि हूती विद्रोहियों ने रविवार को एक बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित किया। लेकिन मारिब के वाडी जिले के हवाईक्षेत्र में ही इसमें विस्फोट हो गया। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
कौन हैं हूती?
हूती यमन में एक शिया जैदी समुदाय का हथियारबंद समूह है जिसका गठन 1990 के दशक में हुसैन अल हूती ने किया था। इस समूह को अंसार अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है। अंसार अल्लाह यानी ईश्वर के समर्थक। 90 के दशक में यमन के तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ इस समूह ने आंदोलन शुरू किया था। इसके बाद राष्ट्रपति पद पर आए अब्दरब्बुह मंसूर हादी के खिलाफ भी समूह ने मोर्चा खोल दिया।
उनका दावा था कि सरकार भ्रष्ट और सऊदी अरब के प्रति झुकी हुई है। हूती विद्रोहियों ने सितंबर 2014 सना शहर पर कब्जा कर लिया, जिससे यमनी राष्ट्रपति अब्दुरब्बु मंसूर हादी को भागने पर मजबूर होना पड़ा। 2015 में, सऊदी अरब ने हूती विद्रोहियों को सत्ता से हटाने और यमनी सरकार का समर्थन करने के लिए हवाई हमले और जमीनी अभियान शुरू किया।
एक दशक से सऊदी समर्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार और ईरान समर्थित हूती के बीच घातक संघर्ष में उलझा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह संघर्ष दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से एक का कारण बना। यमनी गृहयुद्ध अभी भी जारी है। अभी तक कोई भी पक्ष स्पष्ट रूप से जीत नहीं पाया है। संयुक्त राष्ट्र युद्धविराम और राजनीतिक समाधान के लिए मध्यस्थता कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।