रियादः सऊदी अरब में मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस (MERS-CoV) के मामलों ने स्वास्थ्य मंत्रालय को चिंता में डाल दिया है। सऊदी में इसके तीन मामले आए हैं जिसमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है। सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले 10 से 17 अप्रैल के बीच सामने आए।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सभी तीन मामले रियाद के थे। मरीज पुरुष थे जिनकी उम्र 56 से 60 वर्ष के बीच थी और वे अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थे और हेल्थ केयर वर्कर नहीं थे।  MERS के प्रकोप की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य एजेंसियां लगी हुई हैं।

क्या है एमईआरएस कोरोना वायरस?

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस के रूप में जाना जाने वाला रोगजनक Sars-Cov-2 का करीबी रिश्तेदार है। लेकिन इसकी मृत्यु दर कहीं अधिक है। पुष्टि किए गए मामलों में से 35 प्रतिशत की मृत्यु हो गई है। यह वायरस ड्रोमेडरी (कूबड़) ऊंटों से आता है।  डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, पिछले अधिकांश प्रकोप स्तनधारियों या उनके कच्चे दूध के निकट संपर्क में काम करने वाले लोगों में पाए गए हैं। हालांकि सऊदी अरब में इस वायरस के संपर्क में आने वाले मरीजों का ऊंटों से सीधा संपर्क नहीं पाया गया है।

एमईआरएस कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण?

सऊदी अरब में MERS का पहला मामला अप्रैल में आया। यह एक कूबड़ वालेल संक्रमित ऊंटों से इंसानों में फैलता है। इसके लक्षणों में- बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल है। यह मानव से मानव में भी फैलता है। इसके कई मामले आए हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसका पता तब चला जब राजधानी रियाद में एक 56 वर्षीय स्कूल शिक्षक को  खांसी, बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उसी अस्पताल में दो अन्य पुरुष भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जिनकी उम्र 60 वर्ष है।

अब तक सऊदी अरब में कुल चार मामले और दो मौतें दर्ज की गई हैं

डब्ल्लूएचओ के मुताबिक, साल की शुरुआत से सऊदी अरब में कुल चार मामले और दो मौतें दर्ज की गई हैं। स्वास्थ्य वैज्ञानिक इसके संचरण की प्रक्रिया को समझने में जुटे हैं। वर्तमान में इस वायरस के लिए कोई टीका या विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि कई MERS-CoV-विशिष्ट टीके और उपचार पर काम चल रहा है।

दुनिया भर में स्वास्थ्य संगठन (WHO) को लगता है कि पहले कभी कम गंभीर और बिना लक्षण वाले मामलों की पहचान नहीं हो पाई होगी, जिससे मृत्यु दर की कुल गणना प्रभावित हो सकती है। इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी ने बीमारी संबंधी चेतावनी में बताया कि "संक्रमण के सामान्य MERS-CoV जोखिम कारकों के संपर्क का कोई स्पष्ट इतिहास नहीं मिला। संक्रमण के स्रोत का पता लगाने सहित जांच जारी है।