नई दिल्लीः गर्मी का मौसम चल रहा है। इस मौसम में डिहाइड्रेशन का खतरा बराबर बना रहता है। ऐसे में तरबूज लोगों को इससे सुरक्षित रखने में काफी मददगार होता है। हालांकि बाजार में आज कल केमिकल वाले तरबूज भी पाए जाने लगे हैं। ऐसे अनेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी होते रहते हैं। ऐसे में लोगों के सामने यह चुनौती बन जाती है कि बिना केमिकल वाले तरबूज की पहचान कैसे किया जाए? इसके लिए भारत सरकार ने कुछ तरीके बताए हैं जिनकी मदद से आप सेकेंडों में केमिकल वाले तरबूज की पहचान कर सकते हैं।

भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें उसने केमिकल वाले तरबूज की जाँच का तरीका बताया है। इसके मुताबिक, तरबूज में मिलावट की जांच एक साधारण कॉटन बॉल (रुई) से की जा सकती है। सबसे पहले तरबूज को आधा काट लें और फल के लाल गूदे पर रुई को रगड़ें। यदि यह मिलावटी है तो रुई का गोला लाल हो जाएगा। इसका मतलब तरबूज में एरिथ्रोसिन नाम का केमिकल मिलाया गया है।

मालूम हो कि तरबूज में 92 प्रतिशत पानी होता है। जो गर्मियों में हाइड्रेटेड रखता है। साथ ही यह इलेक्ट्रोलाइट्स का भी अच्छा स्रोत है। जो पसीने के साथ बाहर निकल गए खनिजों की भरपाई करने में मददगार होता है। तरबूज विटामिन ए,बी,बी6 और पोटेशियन का भी अच्छा स्रोत माना जाता है । पोटेशियम रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करनते में काफी मदद करता है। हालांकि तरबूज को लाल करने के लिए व्यापारी उसमें एरिथ्रोसिन नामक हानिकारक केमिकल का प्रयोग करने लगे हैं। जिसके काफी नुकसान हैं।

एरिथ्रोसिन क्या है?

एरिथ्रोसिन को लाल नंबर 3 के नाम से भी जाना जाता है। यह एक कृत्रिम खाद्य रंग होता है जिसका कई प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आयोडीन और सोडियम होता है जो दवाओं सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों को तरबूज जैसा लाल रंग देने के लिए जाना जाता है। आमतौर पर डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों, जैम और जेली में किया जाता है। कई दवाओं में इसका प्रयोग किया जाता है। अमेरिका में इसे एफ एंड डीसी रेड नंबर 3 के रूप में जाना जाता है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएस-एफडीए)-1995 के अनुसार खाद्य रंग के रूप में उपयोग के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया गया है। यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (ईएफएसए) के अनुसार, ब्रिटेन में एरिथ्रोसिन को ई127 के नाम से जाना जाता है और यह केवल कुछ कॉकटेल और सिरप तक ही सीमित है।

एरिथ्रोसिन से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। लक्षणों में पित्ती, खुजली, सूजन, सांस लेने में तकलीफ और पेट में दर्द शामिल हो सकते हैं। कई गंभीर मामलों में, एरिथ्रोसिन एनाफिलेक्सिया का कारण बन सकता है, जो एक जानलेवा एलर्जी प्रतिक्रिया है। कुछ अध्ययनों ने एरिथ्रोसिन और बच्चों में अति सक्रियता के लक्षणों के बीच संबंध का सुझाव दिया है। हालांकि, इन अध्ययनों के परिणाम विवादास्पद रहे हैं और अधिक शोध की आवश्यकता है।

एफएसएसएआई क्या है?

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) भारत की एक स्वायत्त संस्था है जो खाद्य सुरक्षा और मानकों के लिए जिम्मेदार है। इसकी स्थापना 2006 में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत की गई थी। एफएसएसएआई का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके 22 क्षेत्रीय कार्यालय और 650 से अधिक जिला कार्यालय हैं। इसका प्रमुख कार्य खाद्य मानकों को विकसित करना और लागू करना होता है। मसलन फल और सब्जियां, अनाज और दालें, डेयरी उत्पाद, मांस और मछली उत्पादों में मानक की जांच करता है।